दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
Even so, at the time Hanuman was flying earlier mentioned the seas to go to Lanka, a drop of his sweat fell inside the mouth of a crocodile, which ultimately became a infant. The monkey newborn was delivered by the crocodile, who was before long retrieved by Ahiravana, and raised by him, named Makardhwaja, and designed the guard of the gates of Patala, the former's kingdom.
सबकी न कहै, तुलसी के मतें इतनो जग जीवनको फलु है ॥
Putting the ring of Rama inside your mouth, you jumped and flew about Ocean to Lanka; there is no surprise in that.
भावार्थ – भूत–पिशाच आदि आपका ‘महावीर’ नाम सुनते ही (नामोच्चारण करने वाले के) समीप नहीं आते हैं।
[Maha=fantastic;Beera=Brave; Vikram=excellent deeds; bajra=diamond; ang=entire body pieces; kumati=lousy intellect; nivara=overcome, clean up, wipe out; sumati=good intelligence; ke=of; sangi=companion ]
The main advantages of chanting (examining or reciting) Hanuman Chalisa strains is thought to draw in Shri Hanuman Ji’s grace – invoking his divine intervention to get rid of concern and resolve serious problems in daily, materials and spiritual existence.
Rama will be the king of all, he may be the king of yogis. You managed all his jobs, or in other translation, He whoever can take refuge in Rama you might regulate all their responsibilities.
नमो महा लक्ष्मी जय माता।तेरो नाम जगत विख्याता॥ आदि शक्ति हो मात भवानी।पूजत सब नर मुनि ज्ञानी॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।
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व्याख्या – किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये सर्वप्रथम उसके गुणों का वर्णन करना चाहिये। अतः यहाँ हनुमान जी के गुणों का वर्णन है। श्री हनुमन्तलाल जी त्याग, दया, विद्या, दान तथा युद्ध – इन पाँच प्रकार के वीरतापूर्ण कार्यों में विशिष्ट स्थान रखते हैं, website इस कारण ये महावीर हैं। अत्यन्त पराक्रमी और अजेय होने के कारण आप विक्रम और बजरंगी हैं। प्राणिमात्र के परम हितैषी होने के कारण उन्हें विपत्ति से बचाने के लिये उनकी कुमति को दूर करते हैं तथा जो सुमति हैं, उनके आप सहायक हैं।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।